मंगलवार, 26 सितंबर 2023
चलते फिरते शहर !!
मनु को जब आभास हुआ कि जल प्रलय होने वाला है तो उन्होंने मध्य एशिया में जल तत्व में प्रशिक्षित एक नबी के सहयोग से दिव्य नौका के निर्माण को अंजाम दे प्राणियों के बीजों को संचय कर हिमालय की ओर चूक किया !
इस घटना की याद के साथ वह विचार करने लगा कि आजकल अर्थात अब सन 6050 ईस्वी में एक एक लाख आबादी की क्षमता वाले तैरते शहर , जिन पर आवश्यक अन्य जंतु व वनस्पति की भी व्यवस्था ..?! इक्कीसवीं सदी में सर जी ठीक कहते थे कि हमारी नजर जब पूरी धरती पर जाती है तो हमें अब भी और तब भी अनेक स्थानों का सूक्ष्म एक ही दिखाई देता है । क्यों न भौगोलिक, मानवीय, बनावटी प्रतिमान बदल गये हों ?
कैसे ?
कभी कश्यप देश के नाम से पुकारा जाने वाले क्षेत्र का
गुरुवार, 24 अगस्त 2023
किशोरावस्था में सर जी!!
सत्र 2006 - 07 ई0 !
छत पर कुछ विद्यार्थी उपस्थित थे। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं चालू हो गयीं थी।
किराये पर अनेक विद्यार्थी रहने को आ पहुंचे थे। दो विद्यार्थी नोयडा से भी थे।
कहाँ वो सत्र 2006 - 07 ई0 !
और कहां अब सत्र 2024 -25 ई0 .?!
भारतीयों पर बहुत जल्द एक बहुत बड़ा कहर ढहने वाला है। अपने परंपरागत कामों को छोड़कर व्हाइट कालर नौकरियों को प्रेफरेंस देने वाले भारतीयों को अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मार पड़ने वाली है।
जो काम एक आम व्यक्ति हाथ से एक माह में और कंप्यूटर की मदद से एक सप्ताह में करता है वह काम AI की मदद से कुछ ही मिनटों या घंटों में होने लगेगा और वह भी बिना किसी व्यक्तिगत मदद के। यानी कि व्हाइट कालर वाली नई नौकरियों का सृजन बिल्कुल खत्म होने जा रहा है और पहले से प्राप्त नौकरियां पर भी संकट छाने वाला है।
अधिकतर भारतीयों के बच्चों ने प्लंबर, कारपेंटर, पेंटर, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिकस, एयर कंडीशनिंग, ऑटोमोबाइल आदि की रिपेयरिंग के कामों, फैक्ट्री में भी होने वाले सभी तरह के लेबर के कार्यों को लगभग परधर्मियों ने संभाल लिया है और हिंदुओं के बच्चे क्लैरिकल वर्क आदि करने में ही इंटरेस्ट लेते हैं और ऐसा कोई भी काम करने में हीन भावना से ग्रस्त होते हैं जिसमें हाथ गंदे हों। अब जब यह सब काम AI करने लगेगी तो हिंदुओं द्वारा की जाने वाली अधिकांश नौकरियां तो खत्म हो जाएंगी।
हुनर से तो पहले ही हाथ धो बैठे हैं और कंप्यूटर जनित नौकरियां भी आने वाले समय में AI की मेहरबानी से खत्म हो जाएगीं तो फिर यह बच्चे आगे जिंदगी में क्या करेंगे। जाहिर है समय का चक्र एक बार फिर उल्टा भागेगा और अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए परधर्मियों के यहां हमारे बच्चे आने वाले समय में नौकरियां करेंगे।
अगर हमें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है तो हमें अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ हाथ से करने वाले कामों में भी निपुण करना होगा।
इस बारे में आप सबका क्या ख्याल है
भविष्य त्रिपाठी का वहीं कायस्थान (मीरानपुर कटरा,शाहजहांपुर ) में पैतृक मकान था ।
पैतृक मकान की क्या हालत हो जाती है? भारतीय में उसके बखूबी दर्शन होते रहते हैं?न बेचने में, न ही उसकी मरम्मत आदि लगाने को रुपये खर्च होने? न ही बंटवारे की हालत ?
ऐसा ही कुछ था - भविष्य त्रिपाठी के मकान का हाल ?!
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जंगल के नीचे भूमिगत एक प्रयोगशाला?!
आलोक वम्मा अनेक विद्यार्थियों को 1857 क्रांति के 150 वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर देश के अनेक भूभाग पर हुई परिवर्तन को हलचल में अपने अनेक विद्यार्थियों को प्रभावित कर गायब हो गया था। जिसमें उसकी प्रिय शिष्या ' शिक्षा ' ने अपनी जान ही गवां दी थी।
सन 2011 -2025 ई0 का समय संक्रमण।
कंदराओं, गुफाओं, दुर्गंम क्षेत्र में गुप्त रूप से रहने वाली अनेक सूक्ष्म शरीर शक्तियां, सूक्ष्म शरीर शक्तियों से प्रभावित मानव शक्तियां जाग उठीं।
सन 2025 ई0 के आते आते कल्कि अवतार की गतिविधियां तेज हो ही गयीं लेकिन कलि असुर की गतिविधियां भी तेज हो गयीं।
फरबरी 2025 ई0 के लास्ट में ज्ञात हुआ कि कुछ विदेशी कुशक्तियों के माध्यम से भारतीय लोकसभा 2024 के चुनाव में भाजपा व मोदी सरकार को हराने के लिए काफी विदेशी धन भी खर्च किया गया ?! लेकिन मोदी व उनकी टीम तब भी तीसरी बार सरकार बनाने में सफल हुई थी।
रात्रि - 01.30 AM !!
दिन -रविवार !!
अमर सिंह प्रथम जयंती!!
16 मार्च 2025 ई0 !!
मानवीय सूक्ष्म जगत में एक बड़ी हलचल हुई। जो मानव अपने वर्तमान जीवन या पिछले जन्मों में कभी प्रकृति अभियान // ईश्वरीय सत्ता //विश्व सरकार आदि के लिए काम करने को यदि आंशिक विचार// भाव भी यदि लाये थे, वे जाग उठे।
अधिचेतना की ओर से सन 1926 के आसपास हुई हलचल धरती पर अनेक स्थानों पर काम कर रही थी। जो अब भौतिक रूप से भी लगभग 98.98 प्रतिशत मानवों के सूक्ष्म जगत में हलचल कर गयी थी।
उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बांग्ला देश ,पाकिस्तान, बिलुचिस्तान , अरुणाचल के उत्तर चीनी क्षेत्र आदि में बदलाव को नये बयार के रूप में आयी थी जिसे उन्होंने ही महसूस किया था जिनका मन पहले से ही आंतरिक रूप से या अंतर्मुखी रूप से विभिन्न साधनाओं के माध्यम से सक्रिय थे।जिनमें 80 प्रतिशत हिन्दू, पारसी, यहूदी ,सिक्ख आदि थे और मुस्लिम मामूली 01 प्रतिशत से भी कम।
सर जी ..?!
उनके साथ कक्षा 10 तक सहपाठी रहे अनुभव सक्सेना व उनके पिता जी के साथ एक टीम सूक्ष्म रूप से सर जी के स्वप्न में आयी।
रात्रि 01.30 AM , सर जी नींद से जाग उठे।
" हम तो 23 साल बाद अब जगे हैं! " - अनुभव सक्सेना ' सर जी ' से बोला था।
उसने 23 साल बाद पुनः पढ़ना और पढ़ना शुरू किया था। उसके साथ उसके पिता जी व उसकी माता जी भी पुनः सक्रिय सूक्ष्म रूप से सक्रिय हुई थीं।
' सर जी ' को भी इस माध्यम से जागरूक होने का सन्देश मिला था।
दूसरी ओर जंगल के बीच रह रहे आलोक वम्मा के जीवन में एक नया मोड़ आया।
वह भूमिगत एक प्रयोगशाला में कार्य करते हुए अपनी योग्यता बढ़ाने को प्रेरित हुआ।
एक भूमिगत प्रयोगशाला में एक लंबी गली के दोनों ओर अनेक कक्ष बने हुए थे । जिसमें वैज्ञानिक अपने अपने प्रयोगशाला में लगे हुए थे।
एक बुजुर्ग आगे बढ़ता जा रहा था। अचानक सामने से गली में विश्व मित्र अलक्षेन्द्र उसकी ओर ही बढ़ा ।
जिसे हम देख कर …
" आप?! आपको यहां पहली बार देख रहा हूँ? "
" मैं विश्व मित्र अलक्षेन्द्र ?! "
" ओह! नमस्ते सर । पहचाना नहीं। अब तो आप काफी बदल गये हो? मैं भबिष्य त्रिपाठी ?! "
" शाम की मीटिंग में मुलाकात होगी ? "
" यस, सर ! "
सन 2022 - 2023 ई0 !!
मेरी पुस्तक - ' ऐतिहासिक सूक्ष्मवाद !! एक भविष्य कथांश …. ' जिसे हम देख रहे थे ।
हम (अशोकबिन्दु ) सत्र 2022 - 23 ई0 में लगभग तीन बार एलियंस का आभास कर चुके हैं। इससे पूर्व किशोरावस्था से हम एलियन्स के अस्तित्व पर विश्वस्त रहे हैं।
हमारी पुस्तक ' ऐतिहासिक सूक्ष्मवाद ! एक भविष्य कथांश !! ' - में हमने अपनी विभिन्न कल्पनाओं, अहसास, चिंतन आदि के माध्यम इसे लिखा है। इस पर हमारा ब्लॉग - ' भविष्य कथांश ' - भी है ।
सन 2010 ई0 के समीप ' क्षेत्र 51 ' के सम्बंध में धुंधली सी छवि मन में आयी थी।
सन 2017 ई0 , अगस्त तक हम अपने सूक्ष्म शरीर को किसी सूक्ष्म शरीरों के समूह के साथ अमेरिका की यात्रा व अमेरिका में स्वयं को देखते थे लेकिन अब नहीं।
किशोरावस्था में हम ..?!
हम कक्षा आठ हरित क्रांति विद्या मंदिर ,हरित नगर, बीसलपुर (पीलीभीत) से पास कर कक्षा नौ में एस आर एम इंटर कालेज, बीसलपुर में पढ़ाई कर रहे थे।
उस दौरान हम एलियन्स के सम्बन्ध में अपने अंदर चिंतन मनन, स्वप्न, कल्पनाएं देखने लगे थे।
और ..?!
हमारे कल्पना जगत में -' भविष्य कथांश ' - हमारा मुख्य चरित्र ' भविष्य त्रिपाठी ' - ही है लेकिन क्यों न अभी उसके व्यक्तित्व को पूर्ण रूप से अभिव्यक्त न कर पाया होऊं ?
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