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मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020

साइबेरिया में लेनिन::अशोकबिन्दु

साइबेरिया में लेनिन!!
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 सन 1903 ईस्वी !

बोल्शेविक कल की स्थापना का समय !

रूस भर में इतने ही लोग?

 सर! ये सिर्फ प्रतिनिधि हैं अपने अपने क्षेत्र से ।

आप सब जानते हैं लगभग 4 साल हम साइबेरिया में निर्वासित थे।

 यस सर !

व्लादिमीर इलिच उलियानोव लेनिन को सन 1895 ई0 गिरफ्तार करके सेंट पीटर्सबर्ग की जेल में भेज दिया गया था।
 निकोलस द्वितीय रूस का शासक जार था, जिसने उदारवादी विचारों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
 विश्वविद्यालय पर भी नियंत्रण बढ़ा दिया गया था।
 हजारों लोगों को देश निकाला दे दिया गया था।
 उसने सैकड़ों निर्दोष व्यक्तियों को जेलों में डाल दिया था।
 रूस की जनता त्राहि-त्राहि करने लगी थी ।
किसानों की दशा दयनीय हो चुकी थी ।
मजदूरों में असंतोष व्याप्त हो चुका था
संत 18 83 ईसवी में जयाजीं  प्लेखानोवा ने रूसी समाजवादी लोकतांत्रिक पार्टी की स्थापना की थी.समाजवाद का प्रचार पूरे रूस में तेजी से फैल रहा था...



इधर सन 1896 ई0 में साइबेरिया ????प


साइबेरिया में........



वो एलियन्स ???!!!
एलियन्स के लिए  साइबेरिया की धरती  सदियों से परिचित रही थी....

इस बार.....????



लेनिन साइबेरिया की धरती से अनन्त शक्तियों का अहसास कर रहा था!!!



खैर!!!!




इधर राय पुर, फरुखाबाद से.....????



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सन  1905ई0 !

बंगाल में लार्ड कर्जन द्वारा विभाजन!!!


 उधर रूस जापान युद्ध में रूस की पराजय!!

इस पराजय के बाद रूस की जनता में असंतोष की लहर उत्पन्न हो गई दूसरी ओर मजदूरों तथा आम लोगों में गरीबी के कारण आक्रोश बढ़ रहा था मजदूरों ने 22 जनवरी 1905 ईस्वी को रविवार के दिन 11 मांग पत्र चार्टर जार को प्रदान करने का निर्णय किया..

लगभग 1 लाख 50,000 मजदूर पादरी गोपन के नेतृत्व में अपनी मां को को लेकर सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित शाही महल की और चल दिए दूसरी ओर जार निकोलस द्वितीय सैनिकों ने निहत्थे मजदूरों पर गोलियां चला दी 1000 से भी अधिक मजदूर मारे गए यह घटना रूस के इतिहास में खूनी रविवार के नाम से जानी जाती है..शीघ्र ही मजदूरों ने पूरे देश में हड़तालें कर दीं.. इस प्रकार प्रशासन का कामकाज डप्प हो गया.30अक्टूबर 1905 को जार ने क्रांतिकारियों के दमन के साथ साथ सुधारों की घोषणा करके क्रांति को दबा दिया.. ये क्रांति असफल तो जरूर हुई लेकिन सन 1917 की क्रांति का रास्ता खोल दिया..


   रूसी क्रांतिकारियों के उद्देश्य थे किसानों को भू स्वामित्व ,उद्योगों पर मजदूरों का नियंत्रण, समाजवादी व्यवस्था की स्थापना, समानता का समर्थन ,शांति की स्थापना आदि  ।


वो पादरी????


पादरी गोपन कौन????



साइबेरिया, अरुणाचल आदि क्षेत्र के साथ हम अपने सूक्ष्म को कुछ प्रकाशकृतियो के साथ रूस में पाते रहे हैं,आखिर????