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शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

एलियन्स पृथु महि के मानवों से क्या नाराज हैं?

सर जी का एक ब्लॉग " भविष्य : कथांश?! " जिसमें सर जी ने सम्भवतःसन 10000 ई0 तक की अपनी कल्पनाओं , स्वप्न, अहसास आदि को प्रस्तुत किया है।
सम्भवतः ..?! सन 6050 ई0 तक तो है ही ? एक चरित्र भविष्य त्रिपाठी के नाम से जिसमें।उसके माध्यम से सर जी ने अपनी कल्पनाओं , स्वप्न, अहसास आदि को इसमें प्रस्तुत किया है। लगभग एक वर्ष बाद सन 2165 ई0 की फरबरी! भारतीय उपमहाद्वीप एवं चीन को दो भागोँ मेँ बाँटने की योजना? आखिर सफलता पा ली कुशक्तियोँ ने . 24 फरबरी को भूमि तीब्र भूकम्प के साथ चटक गयी.इन दो भूमियों के बीच अब सागर....?! भूकम्प और सुनामी लहरेँ;बाँधोँ के टूटने से बाढ़ . गुजरात के सूरत से हरिद्वार,उत्तर काशी,मानसरोवर होते हुए चीन की भूमि को चीरते हुए उत्तरी दक्षिणी कोरिया आदि से हो इस चटक ने अरब की खाड़ी और उधर चीन सागर से हो कर प्रशान्त महासागर को मिला दिया . भारतीय उपमहाद्वीप की चट्टान खिसक कर पूर्व की ओर बढ़ गयी थी. म्यामार, वियतनाम, आदि बर्बादी के गवाह बन चुके थे. इससे क्या मिला कुशक्तियोँ को? लेकिन ! जन धन प्रकृति की हानि जरुर हुई. प्रकृति के अन्धविदोहन एवं कृत्रिम जीवन के स्वीकार्य ने पृथ्वी पर दो हजार चार ई0 से ही तेजी के साथ परिवर्तन प्रारम्भ कर दिए थे. सुनामी लहरोँ के बाद यह परिवर्तन और तेज हो गये थे . सुनामी लहरेँ भी क्या प्राकृतिक थीँ या फिर किसी कुशक्ति की हरकत थी ?इस पर मतभेद रहा था. एलियन्स के सम्बन्ध मेँ ? सन 1947 ई0 मेँ कुछ शक्तियोँ के एलियन्स से क्या सम्पर्क हुए थे कि वे पृथ्वी और अन्तरिक्ष मेँ अपनी साजिशेँ रचने लगे. पृथ्वी का मनुष्य आखिर कब तक जगेगा?अपने स्वार्थोँ मेँ अन्धा हो प्रकृति व ब्राह्माण्ड मेँ भी विकृतियाँ फैला दीँ . सर जी की ही एक पुस्तक - " ऐतिहासिक सूक्ष्मवाद!! एक भविष्य कथांश… " जो सन 2023 ई0 के आखिर तक मार्केट (बाजार ) में आ चुकी थी। पहली बार सर जी ने 2023 ई0 जुलाई में अलिअयन (एलियन) को बड़ा क्रुद्ध देखा था । उनका कहना था कि सन 2018 ई0 से वे धरती पर अनेक बार अलिअयन का अहसास कर चुके थे । हालांकि उन्होंने अनेक बार यह कहा था कि वे किशोरावस्था से इस पर विश्वस्त हैं कि अलिअयन हैं। जून 2023 ई0 से सर जी अपने अंदर काफी बड़ा बदलाव महसूस कर रहे थे । इसके साथ ही उनकी पुस्तकों के प्रकाशन का सिलसिला शुरू हुआ था और दूसरी ओर श्रीरामचन्द्र मिशन & हार्टफुलनेस में ' प्रत्याशी प्रशिक्षक ' हो चुके थे। हालांकि वे अपने प्रशिक्षक हो न पाये थे। उन्होंने महसूस किया था कि प्रेम, आध्यत्म, आत्मा तंत्र ,मानवता, प्रकृति अभियान, ईश्वरता, कल्कि महाराज आदि के लिए काम करने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति, कुल, संस्था आदि की नजर में जीना।ऐसे में किसी संस्था के अंतर्गत प्रशिक्षक न हो पाने का मतलब ' इसे दिल पर लेना ' नहीं है। बहिर्मुखी होने, समाज में शरीर से सक्रिय होने से वे अपने को असहज महसूस करते थे लेकिन विशेष परिस्थितियों में नहीं। मार्च 2020 ई0 से कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन ले दौरान तो उन्होंने अपने को काफी शांति -सुकून में महसूस किया था। समस्या, शंका, भ्रम आदि था भी तो वह मानव ,समाज व मानव व्यवस्था के कारण। उन दिनों वह अपने अंदर पैर से लेकर सिर तक सदाशिव शंकर के रूप में अपने अंदर चेतना को देख रहे थे । यह भी भाव वह अपने अंदर देखते थे कि काश 100 साल इस तरह लॉकडाउन लग जाये? सन 2014 ई0 से 2025 ई0 महत्वपूर्ण तो है भारत के लिए लेकिन सन 2043 ई0 तक क्या दुनिया में सब कुछ बदल जाना है? आखिर उज्ज्वल भविष्य ..?! माता पिता, अभिभावक, शिक्षक के अलावा कौन नई पीढ़ी के लिए वास्तव में अब ईमानदार है ?क्या वास्तव में ईमानदार है भी?! यदि ऐसा है तो फिर टकराव क्यों ?!हमारे उनसे मतभेद क्यों ? उनके द्वारा हमको अस्वीकारना क्यों? " हम अपनी इच्छाओं के गुलाम हैं, जो हमारे जीवन में बाधक है। " इतिहास महान योध्दाओं से भरा है लेकिन उनके सूक्ष्म शरीरों का क्या हाल ? आजकल के टॉपर भी क्या हैं? आज कल शिक्षित का ज्ञान भी व्यवहारिक जीवन व रोजमर्रे में क्या है? एक घर में चार चार आईएएस,पीसीएस लेकिन सुकून नहीं? खुदकशी करने को मजबूर ? यूनिवर्सिटी टॉपर भी एक अपराधी ? और सज्ज होता जो समाज, नई पीढ़ी ,जो विकास वह मानवता , प्रकृति अभियान, ईश्वरीय अभियान के अनुकूल कितना ? कैसा भविष्य?! सन 2026 ई0 की शुरुआत के साथ ..?! लगता है कि हमारे आसपास कोई है जो कहता है कि हादसे तो जरूरी हैं। उसमें भी कुछ छिपा है जो हमें मानवता,नई मनुष्यता के लिए अवसर देता है। प्रकृति व ब्रह्मण्ड में समस्या तो मानव बन चुका है । सृजन के साथ विध्वंस भी प्रकृति में है । ऐसे में विध्वंस की स्थिति क्यों?सफाई तो आवश्यक ही है पवित्र सृजन को। हम महसूस करते रहे हैं कि एलियन्स प्रकृति के खिलाफ नहीं हैं।ऐसे में वे मानव के खिलाफ भी नहीं हैं लेकिन जो मानव प्रकृति व ब्रह्मण्ड में समस्या हैं तो क्या कर्तव्य बना है ? समस्या को खत्म करना। अलिअयन सक्रिय हैं लेकिन वे खुल कर नहीं आ सकते। खुलकर तो सामने धमाकेदार ढंग से आएंगे। जून 2025 के आते आते धरती में हकचल बढ़ी लेकिन क्या अब अलिअयन आक्रमण की तैयारी में हैं? पहली बार सर जी ने 2023 ई0 जुलाई में अलिअयन (एलियन) को बड़ा क्रुद्ध देखा था । उनका कहना था कि सन 2018 ई0 से वे धरती पर अनेक बार अलिअयन का अहसास कर चुके थे । हालांकि उन्होंने अनेक बार यह कहा था कि वे किशोरावस्था से इस पर विश्वस्त हैं कि अलिअयन हैं। वे मानवता व प्रकृति के दुश्मन नहीं हैं ऐसे में हमें मैसेज हैं कि अपनी प्रार्थना,भाव को बदलो - हे प्रभु! मुझे तेरे सिवा कुछ भी न चाहिए।तू हमें अपने मिशन में लगा। ऐसे में 2023 ई0 की जुलाई ..?! सन 2023 ई0 की जुलाई का अहसास?!

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