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शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

मत्स्य अवतार पर सवाल !

भुम्सनदा के बर्फीले भू भाग पर एक ब्रह्मा शक्ल व्यक्ति-'यल्ह' .



"यल्ह आर्य! तुमको इस धरती की ओर से मिशन का चीफ बनाया गया है. कल्कि अवतार को पृथु मही के आधार पर हालांकि सैकड़ो वर्ष हैं लेकिन इससे पूर्व देवरावण के अन्त के लिए....... . "



"कल्कि अवतार की तैयारी का सम्बन्ध देव रावण के अन्त.......?! विधाता ,जिसके हम सब मे तथा सभी धरतियों के प्राणियों मे समाहित है, उस चेतना पर देव रावण क्या दखलंदाजी भी कर सकता है? हमे आश्चर्य है! "



" यल्ह आर्य! चेतना का स्थूल शरीर धारण कर स्थूल या प्रकृति परिस्थितियों मे उलझना स्वाभाविक है लेकिन कल्कि अवतार के लिए स्थूल या प्रकृति से वैराग्य प्राप्त चेतनांशों की बहुलता चाहिए."



पृथु मही पर वह(फदेस्हरर) हफ्कदम को क्यों ले गयी है?विधाता के त्रीअंश अवतारों मे से एक शिव के लोक से चेतनांशों मे इस वक्त हफ्कदम मे मोक्ष प्राप्त यल्ह चेतनांश है.हफ्कदम को विभिन्न स्थूल व प्राकृतिक स्थितियों का अध्ययन आवश्यक है.युवती फदेस्हरर बालक हफ्कदम के साथ पृथु मही अर्थात इस पृथ्वी पर थी.दोनों मत्स्य मानव की विशालकाय प्रतिमा के समीप थे.



"क्या साइरियस अर्थात लुन्धक से ही आया था मत्स्य मानव ? "



" हफ्कदम! मत्स्य मानवों का मूलनिवास लुन्धक ही था.वहीं से......?! "



"था .....?! क्या अब है नहीं? "



" इस पर फिर कभी बताऊंगी ? हफ्कदम! अनेक चेतांश के समूह से विधातांश पदेन ब्रह्मा महेश व विष्णु तथा पदेन अग्निदेव के सहयोग से लुन्धक के एक निबासी बालक को दिव्य शक्तियां दे मत्स्य अवतार के रुप मे इस धरती पर भेजने के लिए तैयार किया गया था."



मत्स्य मानव की विशालकाय प्रतिमा समुद्र किनारे एक चट्टान पर बनी हुई थी.लहरें जिसको स्पर्श कर वापस लौट जाती थीं.


यह सन 6020ई0 का ही समय था.



अमेरिका झुठलाता रहा था इस बात को कि सन 1947ई0 में न्यूमैक्सिको में दुर्घटनाग्रस्त होकर दो उड़नतश्तरी गिरी थीं लेकिन सन2011ई0के अप्रैल माह मे उसे इस बात को स्वीकार करना पड़ गया था.एक ब्लाग < www.akvashokbindu.blogspot > मे इस सच्चाई को पहले ही उजागर कर दिया था.इस पर ब्लागकर्ता ने विकिलिक्स वेबसाइट से भी सम्भवत: सम्पर्क साधा था.

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