Powered By Blogger

सोमवार, 16 नवंबर 2020

भईया दूज:: यम शक्ति को नमन!!अशोकबिन्दु

 हमारी व्याख्याएं व जगत को देखने का तरीका दूसरा है।


अपनी सम्पूर्णता में जीने से ही शांति हैं, सुकून है,सन्तुष्टि है।

योग कोई हाथ पैर चलना, लम्बी गहरी सांसे छोड़ना निकलना आदि नहीं है सिर्फ।

योग/सम्पूर्णता की प्राप्ति के आठ अंग हैं।

पहला अंग है-यम।

खोना व पाना का संग है।हर पल एक की प्राप्ति होती है तो एक से दूरी...लेकिन अंततः दोनों से मुक्ति।

इस लिए कहा गया है-आचार्य है मृत्यु, योगी होना है मृत्यु। यम भी है मृत्यु। एक का छूटना।



सत्य, अहिंसा, अस्तेय,अपरिग्रह व ब्रह्मचर्य पांच यम हैं। यही आदि सनातन धर्म स्तम्भ हैं। ऋषभ देव का पंच महाव्रत है। इस पंच महाव्रत को धारण करने वाला जिन है ,धरती का आदि वीर है।।

प्रकृति व ब्रह्म के बीच परस्पर सम्मान कब है?


..........            ..........                 ...........            ...........  


भैया दूज!

.

.


यम / मृत्यु को जीतना।सम्मान देना।


आध्यत्म में सन्देश :: जगत में जो भी स्त्री पुरुष हैं, भाई बहिन हैं। सभी में मालिक की रोशनी मौजूद है।सब मिशन/प्रकृति अभियान(यज्ञ) में लगे हैं। सभी एक जगत पिता से हैं। सभी अपनी अपनी व्यस्तता के बीच अर्थात जगत की चकाचौंध में  इस को भूल गए हैं। जब हम इसे याद करेगें और इस भाव में आकर एक दूसरे के निष्काम सम्मान को बढ़ाएंगे तो आध्यात्मिक राज्य स्थापित होगा। सभी की उम्र बढ़ेगी।


अनन्त यात्रा में लीनता ही प्रेम। जहां कम्पन, स्पंदन, तरंगें, प्रकाश...गतिमान... आत्मियता... आत्मा... सम्वेदना जो सर्वत्र व्याप्त...! ऐसे में स्त्री पुरुष के बोध का भी भान नहीं। जब स्त्री पुरुष के बोध का भान हो भी तो वह भाई बहिन के रूप में क्योकि प्रेम अर्थात अनन्त सागर में लीनता में कुछ भी इंद्रियक नहीं, स्थूल नहीं। 


#अशोकबिन्दु


यमस्वसर्नमस्तेऽसु यमुने लोकपूजिते।

वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते ।।

                   ❤️ लोकश्रुति है कि यमराज व्यस्तताओं के कारण कभी बहन यमुना के घर नहीं जा पाते थे। इस कारण यमुना को बहुत दुःख होता था। एक बार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यमराज अचानक बहन यमुना के घर पहुंचे, तो यमुना बहुत प्रसन्न हुईं और उन्होंने अपने अतिव्यस्त भाई यमराज की खूब आवभगत की ! यमराज ने प्रसन्न हो कर वर दिया कि आज के दिन बहन के घर भोजन करने वालों को यम का भय नहीं होगा और उनकी आयु में वृद्धि होगी। इस परंपरा के माध्यम से हर भाई-बहन के बीच परस्पर स्नेह  सतत बढ़ता रहे, इसी सद्कामना के साथ आप सबको भाई दूज के पावन पर्व की अनंत शुभकामनाएँ ! साथ ही साथ आप सब को भगवान चित्रगुप्त के पूजनोत्सव की भी असीम मंगलकामनाएँ 😍🙏💐💐





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें