मिस्टर एस की पत्नी..?!
दीवार पर लगे अखबार पृष्ठ से निगाह हटाकर अशोक फिर चारपाई पर लेट जाता है। वह बाहर देखता है- बरसात काफी तेज हो चुकी थी। वह पुनः ख्यालों में पहुंच जाता है- विद्यालय से आकर खाना खा अशोक ऊपर छत पर पहुंच गया था। खुले आसमान के नीचे छत पर पड़ी चारपाई पर बैठते हुए अशोक ने सरसरी नजर से बायीं ओर यानी कि दक्षिण की ओर विशाल मैदान में देखा - कमरख के पेड़ के नीचे कुछ बच्चे खेल रहे थे। वह आचार्य जी की बात पर सोचने लगा -- "दूसरे दिन अंतरिक्ष वैज्ञानिक घर पर आकर 2 दिन ही घर पर रह पाया था की उसकी वायुयान दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है । लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि उस अंतरिक्ष वैज्ञानिक की हत्या की गई हो?" फिर हाथ में टार्च ले वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक अपने फार्म में बने दो कमरे की एक बिल्डिंग के सामने बगीचे में था कि एकाएक उसकी निगाहें जब सामने जाती हैं तो वह आश्चर्य में पड़ जाता है । वह सोचने लगा क्या गिरा होगा ? वहां कहीं ऐसा तो नहीं कि उड़न तश्तरी या फिर...?! फिर वह आगे उधर ही चल दिया लेकिन रुकते हुए, किसी को बुला लूं क्या ? कुछ समय वह खड़ा रहता है लेकिन फिर अकेले ही चल देता है। आगे जा कर देखता है तो सामने वही था जो उसने सोचा था। एक उड़न तश्तरी अव्यवस्थित... वहां वह छोटे छोटे 3 प्राणी देखता है। जो जमीन में पड़े थे बे या तो संभवत बेहोश थे या मर चुके थे । पहले उसके पास बढ़ने प्रति वह सहमा लेकिन फिर उन तीनों को देखा तो एक जीवित था । उसे उठा ही पाया कि वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर कहां उतरा और .... "मिस्टर एस ! लोगों को इस घटना की जानकारी नहीं होनी चाहिए ।" अंतरिक्ष वैज्ञानिक मौन ही रहा। कुछ सेकंड बाद ही वहां सेना की गाड़ी आ गई और उन तीनों प्राणियों के साथ क्षतिग्रस्त उड़नतश्तरी भी ले गई। अंतरिक्ष वैज्ञानिक खामोश हुए देखता रहा फिर वहां से चलकर बिल्डिंग में वापस आ गया । चपरासी बोला - "वो लोग कौन थे?" बरामदे में जाकर कुर्सी पर बैठकर वह बोला -"सब बता दूंगा दरअसल वायु सेना में कुछ प्रयोग चल रहा है। हां,तुम्हारी बीवी की हालत कैसी है?" " अभी कहां ठीक है साहब !साहब, कल और छुट्टी दे दो ?" "ठीक है। तेरी बीवी ठीक हो जाए तो बच्चों सहित उसे यही ले आ।" यह घटना अंतरिक्ष वैज्ञानिक की मृत्यु से लगभग 3 माह पहले घटी थी।
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सूर्य उदय हो चला।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक अभी बरामदे में कुर्सी पर बैठा था ।
चपरासी आकर बोला- " साहब !क्या? क्या रात भर नहीं सोए? आधी रात को मैंने देखा था आप यूं ही बैठे थे और अभी 2 घंटे पूर्व भी?"
" जाओ मेरे लिए काफी ला ।"
"जी साहब ।"
फिर वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक सोचने लगा- सेना उन तीनों को ले गई क्षतिग्रस्त उड़नतश्तरी सहित । लेकिन इस पब्लिक से क्यों छिपाना ?
"साहब, काफी ।"
"बहुत जल्दी ले आये?"
" पहले से ही बनने को रखी थी।"
" आज मेरी बीवी आने को यहां, अच्छी व्यवस्था कर देना ।" "जानकारी है साहब ।"
वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक अर्थात मिस्टर एस फिर काफी पीने लगा। सुबह बीत गई दोपहर होने को आई, दोपहर बीत गई। अब शाम होने को आई तो पत्र को लिफाफे में पैक करते करते मिस्टर एक्स सोचने लगा कि आज सुबह मेरी बीवी आने को थी लेकिन आई नहीं फिर लिफाफा ले उठ बैठा और तब अपने नौकर को देख-
" ड्राइवर से कह गाड़ी तैयार करें। शहर चलना है।"
एक कमरे में जाकर वह किसी को फोन करता है।
मिस्टर एस गाड़ी पर बैठते हुए नौकर से- " बीवी घर आए तो कह देना कि शहर गए हैं। आधी रात तक आ जाएंगे ।"
"जी साहब ।"
फिर नौकर जाती गाड़ी को कुछ समय तक देखता रहा।
नौकर जब वापस आया तो फोन की आवाज सुनते तेजी से जा फोन उठा लिया और --"क्या?" वह चौंकता है।
"साहब तो शहर गए हैं।" फिर डायल घुमा नौकर और कहीं फोन कर देता है।
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मिस्टर एस की गाड़ी शहर में प्रवेश कर चुकी थी।
..कि एक होटल समीप एक व्यक्ति रुक कर सूचना देता है-" मिस्टर एस!आपकी बीवी का अपहरण हो गया है।"
" क्या?!"
तो वह ड्राइवर से गाड़ी पुलिस स्टेशन ले चलने को कहता है और अब कुछ मिनटों के बाद गाड़ी पुलिस स्टेशन पर थी।
गाड़ी से उतर अंदर जाने पर- " आइए मिस्टर एस! मुझे दुख है कि आपकी वाइफ का अपहरण हो गया।"
मिस्टर एस मौन ही रहा,कुर्सी पर बैठ गया।
पुलिस स्टेशन पर लगभग एक घंटा बैठने के बाद जब मिस्टर राज चल दिया तो- " कहां चल दिए मिस्टर एस?"
" मकान पर जा रहा हूं ।"
" मकान पर ? सारा मकान पुलिस के अंडर में। आप न जाए तभी ठीक है। कोई सबूत है वहां तो ...?!"
मिस्टर एस सिर्फ मुस्कुरा दिया।
स्टेशन से बाहर आकर वह गाड़ी में बैठ गया।
गाड़ी शहर की सड़कों से होते हुए शहर से बाहर निकल गई। फिर 1 घंटे के सफर के बाद मिस्टर एस अपने मकान के सामने था। मिस्टर एस ने देखा वहां पुलिस तैनात थी।
जब वह आगे बढ़ा तो- " साहब,सॉरी.... मैं अंदर नहीं ....!"
"आप जाने दे। सारी जिम्मेदारी मैं अपने पर ले ले लूंगा यदि मेरे घर में प्रवेश पर कोई ...।"
एक डायरी में तीन चार वाक्य लिख कर, नीचे अपने साइन कर मिस्टर एस मकान में प्रवेश कर जाता है। अंदर पहुंचकर मेज पर गुलदस्ते के नीचे एक छोटा सा अपनी बीवी का फोटो उठा उसे देखने लगता है फिर- " तुमको कुछ नहीं होना नहीं होगा यह मैं विश्वास करता हूं ।" कि एक कमरे में किसी की उपस्थिति एहसास उसी चौका देता है। तो तेजी से वह कमरे की ओर दौड़ता है लेकिन कमरे में कोई नहीं। वह इधर-उधर निगाहें दौड़ आता है तो स्टोर रूम के दरवाजे की हिलन को देख तेजी से स्टोर रूम का दरवाजा खोलता है तो-
"आ आ हा...! " बह चौक जाता है।
अपनी बीवी को घायल अवस्था में देख..!? अपनी बीवी को तुरंत उठाता है। वह अभी जीवित थी। ....और बाहर चल देता है। इसी दौरान वह कहीं दो फोन भी कर देता है। एकाएक ना जाने फिर क्यों वह कमरे में इधर-उधर और दीवारों पर निगाह दौड़ आता है? जब मकान से बाहर अपनी घायल बीवी के साथ मिस्टर एस को निकलते देख तब सारी पुलिस और लोग चौक जाते हैं। तुरंत पुलिस दौड़ कर उसकी बीवी को गाड़ी में डाल हॉस्पिटल की ओर चली जाती है।
सरसरी नजर वहां तैनात पुलिस पर डालकर मिस्टर कहता है- " थोड़ी देर में हां अंतरिक्ष अनुसंधान कर्ता आने वाले हैं।"
" अंतरिक्ष अनुसंधान कर्ता?"
" हां, तुम्हें आश्चर्य हो सकता है लेकिन हमें नहीं।"
फिर मिस्टर एस वहां से चल देता है और गाड़ी पर जाकर बैठ ड्राइवर से-
" हॉस्पिटल की ओर चलो।"
" जी साहब ।"
हॉस्पिटल जब पहुंचे तो खबर मिली- उसकी बीवी गुजर चुकी है। दूसरे दिन अमेरिका के सारे न्यूज़ पेपर ने मिस्टर एस की बीवी के अपहरण और मिस्टर एस के घर में ही उसके बीवी पर कातिलाना हमला एवं मृत्यु की खबर को विशेष महत्व दिया था । साथ में इस बात का भी जिक्र किया था कि मिस्टर एस के मकान में विशेष मशीन यंत्रों ने दूसरे ग्रह के प्राणी के आगमन के भी संकेत दिए हैं। @@@@ @@@@@ @@@@@
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