Powered By Blogger

रविवार, 1 मई 2011

'सद्भावना'क्योँ?

कभी पूर्वोत्तर भारत में जंगलों के बीच हुआ करती थी एक इमारत-'सद्भावना'.


जून सन 5020 ई0 को 'सद्भावना' के एक मात्र वारिस को अज्ञातबास में पहुंचा दिया गया था.इस घटना के एक हजार वर्ष बाद-



तीननेत्रधारी आरदीस्वन्दी अब जवान थी.वह भुम्सन्दा धरती पर थी.जब वह ध्वनी थेरेपी से 'ओम आमीन' ध्वनि के आधार पर भुम्सनदा धरती पर आ गयी थी .



'धधस्कनक'धरती (अर्थात उड़नतश्तरी यान वालों की धरती) तीन निवासी -हलदकरोड़ा(युवती),दस् रलकम व फदरस्लन भी भुम्सनदा पर उपस्थित थे.जिन्होने 'सद्भाव' से आरदीस्वन्दी की मुलाकात करवायी थी.



'सद्भाव' कौन ?


'सद्भाव' ही था -'सद्भावना' का अन्तिम बारिस.जिसके हितैषी यहां भुम्सन्दा पर उसे ले आये थे.



* * * *




चार हजार वर्ष पूर्व पृथु मही पर घटित हुई एक घटना,गोधरा काण्ड के नाम से जानी गयी.जिसकी प्रतिक्रिया में गुजरात काण्ड!



गुजरात में दंगे चल रहे थे.



एक अण्डर वर्ल्ड ग्रुप की चीफ-मोनिका . जो अब वृद्धावस्था की दहलीज पर कदम रख चुकी थी.वह अण्डर वर्ल्ड से जरुर थी लेकिन उसकी हरकतें जातिवादी द्वेष, साम्प्रदायिकता, निर्दोष हत्याओं ,
आदि के खिलाफ थीं.इस अण्डरवर्ल्ड प्रवृत्ति से दुनिया अन्जान थी.हाँ,इसका एक एहसास 'हिन्दू आतंकवाद' के नाम से काल्पनिक तथ्यों के आधार पर अवश्य उठाया गया था.



मोनिका खुश थी कि उसके द्वारा लगाया गया वट वृक्ष अब काफी बड़ा हो चुका था.जिसकी अनेक शाखाएं निकल कर जमीन से जुड़ चुकी थीं.



मोनिका को स्मरण हो आये अपनी वृद्ध माँ रुचिको के अन्तिम शब्द-


"हमारे पिता जिन्हें दुनिया मि एस के नाम से जानती थी.भ्रष्टाचार व कुप्रबन्धन के खिलाफ शहीद हो गये थे.इस धरती के कुछ भ्रष्ट मानवों ने भ्रष्टाचार व कुप्रबन्धन को अन्तरिक्ष तक पहुंचा दिया था.मैं जिन्दगी भर लड़ती रही भ्रष्टाचार व कुप्रबन्धन के खिलाफ .अब आगे की लड़ाई तुमको लड़नी है मोनिका. "



मि एस कौन था?


14जून1946ई0 को न्यू मैक्सिको में गिरी उड़नतश्तरी की घटना का एक गवाह था-अन्तरिक्ष वैज्ञानिक मि एस.जो उड़नतश्तरी यान से आये एलियन की मदद करना चाहता था और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ लड़ना चाहता था लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने उसे मरवा दिया.



हाँ,गुजरात काण्ड व अन्य ऐसे ही काण्डों के दौरान प्रत्येक पक्ष के उन कट्टरपन्थियों को मारने का काम किया था मोनिका ग्रुप ,सेक्यूलर फोर्स व अन्य ग्रुप के देशबासियों ने;जो निर्दोषों का खून बहा रहे थे.



इन्हीं ग्रुपों के परिणामस्वरुप सामने आयी एक इमारत -'सद्भावना'.


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें