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मंगलवार, 14 सितंबर 2010

भविष्य:सन5012ई0...

सन 2165ई की फरबरी !

भारतीय महाद्वीप की भूमि दो भागोँ बँट चुकी थी.


पूंजीपति व वैज्ञानिकोँ के अतिरिक्त अन्य बचे खुचे लोग अत्यन्त दयनीय स्थिति मेँ पहुँच चुके थे.
झारखण्ड के जंगल मेँ स्थित भूमिगत अनुसन्धानशाला को भी काफी छति पहुँची थी.भविष्य त्रिपाठी,नादिरा खानम व उनके सहयोगी अधिकतर पिरामिड तकनीकी इमारत मेँ रहते थे.जिस कारण वे व उनका मिशन सुरक्षित था.


कम्प्यूटरीकृत कमरोँ की दीवारोँ पर ब्राह्माण्ड की तश्वीरेँ आनी बन्द हो गयी थीँ .अब भविष्य त्रिपाठी सम्बन्धित जानकारी आने लगी थी.


"सम्कदेल, भविष्य त्रिपाठी ने 'ब्राह्माण्डभक्षी 'पर भी तो कुछ कार्य किया था?"


"हाँ,ऐसा है -आरदीस्वन्दी !"

आरदीस्वन्दी अपनी तीसरी आँख मसलने लगी.

"क्या हो गया?"

"कल पार्क मेँ एक कीड़ा आ गया था.जलन मेँ सुधार है,हाँ ब्रह्माण्डभक्षी के सम्बन्ध मेँ जानकारी दिलवाओ."


" समय पर सब पता चल जाएगा."


हाहाहूस धरती पर सन 1955ई0 मेँ अनुसन्धानशाला सनडेक्सरन के एक निवासी कन्कनरेसु की सलाह पर एक गुफा मेँ बन कर तैयार हो चुकी थी.हालांकि कन्कनरेसु हाहाहूस धरती पर ही सन 1947ई0मेँ एक विस्फोट मेँ मारा गया था.इस घटना से कुछ दिन पूर्व सनडेक्सरन धरती के ही एक निबासी बब्बाग्गी के द्वारा अमेरीकी अन्तरिक्ष वै ज्ञानिक मि एस की पुत्री रूचिको का अपहरण कर लिया गया था.बब्बाग्गी की पत्नी व बालिका सहक्नन की माँ दग्नब्ल्सन के विनाश कारी संगठनोँ की समन्वय समिति की बैठक मेँ उपस्थिति की सूचना जब मोहनदास कर्मचन्द्र गांधी के बायोनिक मानव ब्राहमाण्ड बी गांधी आर्थात गग्नध देवय को मिली तो वह तुरन्त बब्बाग्गी के पास जा पहुँचे और-


"तुम्हारी बीबी दग्नबल्सन कहाँ है?"

"जी......वो ........!"


"अब तुम क्या बोलोगे ?विनाशकारी संगठनोँ की समन्वय समिति की बैठक मेँ अपनी बीबी को भेजते हो और ऊपर से......! "

और....

कक्ष कम्प्यूटर मानीटर युक्त एक दीवार पर हहनसरक की तश्वीर उभरी.जिसने बोलना प्रारम्भ किया -


" बब्बाग्गी! तुझ पर रुचिको के अपहरण के साथ साथ अनेक आरोप है ही!तू ने अपनी बीबी को विनाशकारी संगठन के प्रतिनिधियोँ के बीच भेज कर अच्छा नहीँ किया. "


" देखो-हहनसरक! मैने नहीँ भेजा उसे,और मुझे इसकी जानकारी अभी मि.गांधी से ही हुई है."


"मि.गांधी से ? "


"हाँ,यह सब सस्कनपल की साजिश है.वह ही मेरी बीबी को ले गया हो."


"सस्कनपल!?"


उधर

फिर हहनरक सम्पर्क विच्छेद बब्बाग्गी से करते हुए अपने पास उपस्थित मिस्टर डेमियन से बोलता है-


"मि डेमियन ! तुम्हारी मुस्कान को मैँ समझता हूँ.मेरी तुम्हेँ व तुम्हारी पृथ्वी को सलाह है कि ब्राहमाण्ड की घटनाओँ प्रति तटस्थ रहो अन्यथा फिर ........! तुम जानते हो तुम्हारी सत्ता अन्य धरतियोँ की सत्ता के समक्ष कम से कम दो सौ वर्ष पीछे है."


मि डेमियन कौन ?मि डेमियन न्युयार्क नगर का निवासी .


न्यूयार्क मेँ ही एक बहुमंजिला इमारत की पांचवी मंजिल पर एक कक्ष मेँ चार अमेरिकन विचार विमर्श कर रहे थे.

कि


" सर,मि डेमियन हमसे सम्पर्क किया है. "

फिर

"हैलो! मि डेमियन !"

" सर!इस वक्त मैँ ववस्कनड धरती की ओर हूँ."


"यह ववस्कनड कौन सी धरती है?"


"सब इत्मीनान से बताऊँगा,सर! अभी यह सूचना है कि रुचिको हाहाहूस से लापता है . साथ मेँ एक यह भी जानकारी कि गुफा मेँ उसे कैद कर रखा था."


"बब्बाग्गी से सम्पर्क किया ?"


"अभी नहीँ,सर!"



-इस प्रसंग से निकल वर्तमान मेँ आते हुए सम्कदेल वम्मा आरदीस्वन्दी से बोला -"अमेरीका के कुछ लोग गुप्त रुप से उड़नतश्तरीयोँ की धरती के निवासियोँ के सम्पर्क मेँ आ चुके थे."


आरदीस्वन्दी बोली-


" उड़न तश्तरियोँ की धरती यानि कि 'धधस्कनक' धरती!"


"हाँ,धधस्कनक धरती! इस धरती से दो उड़नतश्तरियाँ अन्तरिक्ष यात्रा पर थीँ जो रास्ता भटकने के कारण अमेरिका के आकाश मेँ आ पहुँचीँ और किसी कारण 14जून1947 को दुर्घटना ग्रस्त हो कर न्यूमैक्सिको मेँ दो पृथक पृथक स्थान पर गिरी . जिस मेँ उपस्थित तीन फुटा व्यक्ति जिनकी न भवेँ न पलकेँ न कान थे,उन्हेँ कुछ लोगोँ ने अपने अण्डर मेँ ले लिया था. यह घटना सन3005ई0 तक पृथ्वी पर एक रहस्य बनी रही थी."


" इण्टरनेट से भविष्य त्रिपाठी व पुष्प कन्नौजिया के बीच सम्बन्धोँ पर क्या जानकारी मिलती है?"


" इक्कीसवीँ सदी के प्रारम्भिक दशकोँ मेँ सर जी नाम का एक चरित्र उस समय की कुछ कहानियोँ व उपन्यासोँ मेँ नजर आता है.जिसके साथ पुष्प कन्नौजिया का भी जिक्र मिलता है. "


" और फिर भविष्य त्रिपाठी ...."


"हाँ,बताऊँगा.बेचारा मुर्झाया पुष्प....."


मुर्झाया पुष्प !

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