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गुरुवार, 9 सितंबर 2010

अदृश्य?!

           jo ankhon se dikhata hai ,usake siba bhi kuchh hai.







मीरानपुर कटरा में आकर हम 01 जुलाई 2004 ई0 से रहने लगे थे। हम ने एक नई पांडुलिपी तैयार करना शुरू कर दी थी - 'अपना अदृश्य?!' कुछ चीजें हम अपने जीवन में घटित होकर अचरज व कौतूहल में थे।

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